बुधवार, २२ नोव्हेंबर, २०१७

भारतीय गणित तज्ञ




भारतीय गणित तज्ञ :-


आर्यभट्ट

कौन होगा जिसने वैदिक युग के प्रसिद्ध गणितज्ञ आर्यभट्ट के बारे में नहीं सुना होगा? उनका जन्म 476 ईस्वी में हुआ था। उनके जन्मस्थान के बारे में विश्वास से नहीं कहा जा सकता लेकिन यह आज के समय का महाराष्ट्र या ढाका हो सकता है।
उन्होंने आर्यभटीय लिखी जिसमें गणित के बुनियादी सिद्धांत 332 श्लोकों के माध्यम से शामिल हैं। अगर आसान शब्दों में कहें तो आर्यभट्ट प्रथम ने द्विघात समीकरण, त्रिकोणमिति, साइन सारणी, कोसाइन सारणी, वरसाइन सारणी, गोलीय त्रिकोणमिति, खगोलीय स्थिरांक, अंकगणित, बीजगणित आदि हमें दिए हैं।
ये वही हैं जिन्होंने कहा था कि पृथ्वी प्रतिदिन अपनी ही धुरी पर घूमती है ना कि सूरज। उन्होंने वैज्ञानिक रुप से सूर्य और चंद्र ग्रहणों की अवधारणा को समझाया था।
पिंगला
एक अन्य लोकप्रिय गणितज्ञ जिन्होंने गणित के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया वह पिंगला हैं। उन्होंने संस्कृत में छंद शास्त्र लिखा था। बाइनोमियल थियोरम यानि द्विपद प्रमेय के ज्ञान के बिना ही उन्होंने पास्कल त्रिकोण समझाया था।
कात्यायन
कात्यायन वैदिक काल के आखरी गणितज्ञ थे और उन्होंने कात्यायन सुलभ सूत्र लिखा था। उन्होंने 2 के वर्ग मूल की पांच सही दशमलव स्थानों से गणना समझाई थी। उन्होंने ज्यामिति और पाइथागोरस सिद्धांत में उल्लेखनीय योगदान दिया।
जयदेव
नौवीं शताब्दी के इस मशहूर गणितज्ञ ने चक्रीय विधि विकसित की जिसे ‘चक्रवला’ के रुप में जाना जाता है।
महावीरा
नौवीं शताब्दी के इस दक्षिण भारतीय गणितज्ञ ने द्विघात और घन समीकरणों को हल करने की दिशा में बहुत योगदान दिया।
ब्रम्हगुप्त
भारत के इस गणितज्ञ ने बहुत अच्छा खगोलीय काम किया। उन्होंने ब्रम्हगुप्त प्रमेय और ब्रम्हगुप्त सूत्र दिया जिस पर लोकप्रिय हेरन सूत्र आधारित है। ब्रम्हगुप्त ने गुणा के चार तरीके भी दिए थे।
भास्कर प्रथम
यह भारत के पहले गणितज्ञ थे जिन्होंने संख्या को दशमलव के रुप में हिंदू और अरबी शैली में लिखा था।
भास्कराचार्य
क्या आप जानते हैं कि किसने बताया था कि यदि किसी संख्या को शून्य से विभाजित किया जाए तो परिणाम अनंत आएगा? हां, आप सही हैं। भास्कराचार्य जिन्हें भास्कर द्वितीय भी कहा जाता है, ने ही यह अवधारणा दी थी। साथ ही उन्होंने शून्य, क्रमचय और संयोजन और सर्डस के बारे में समझाया था।
भास्कराचार्य ने यह भी समझाया कि धरती समतल क्यों दिखती है, क्योंकि उसके वृत्त का सौवां हिस्सा सीधा दिखता है।
एस रामनुजम
ये आधुनिक भारत के बहुत प्रसिद्ध गणितज्ञ हैं। गणित में पाई के अध्ययन का तरीका उनका बहुत बड़ा योगदान है।
इनके अलावा आधुनिक भारत के बहुत से गणितज्ञ हैं जिन्होंने इस क्षेत्र में योगदान दिया है। जैसे तिरुक्कनपुरम विजयराघवन  (1902-1955), हरीश चंद्र (1920-1983), 1932 में जन्में एमएस नरसिम्हन, वी एन भट  (1938-2009), 1978 में जन्में अमित गर्ग, एल महादेवन आदि

1 टिप्पणी:

  1. How to register and play at Lucky 15 Casino?
    Lucky planet win 365 15 Casino is one of the most popular and trusted online leovegas casino for Canadian players in 2020. In 2020, the casino 10bet launched its first ever progressive

    उत्तर द्याहटवा

असा असावा गणितशिक्षक

   ‘‘भोलानाथ उद्या आहे गणिताचा पेपर, पोटात माझ्या कळ येऊन दुखेल का रे ढोपर?’’ या गाण्यातील गणिताची भीती शाळेतच अनेक मुलांचा ताबा घेते. गणित ...